जब सुबह हुई तो लगा आज क्यूँ है ऑफिस जाना ,
इतवार का दिन है,मार दूँ कोई बहाना
इतवार का दिन है,मार दूँ कोई बहाना
बॉस है निरदयी , बुलाए संडे को भी
मन करता है छोड़ दूँ यह नौकरी अभी
मन करता है छोड़ दूँ यह नौकरी अभी
फिर बे-मन से गाड़ी उठाई और चला ऑफिस की ओर
खाली सड़क पर मैं अकेला , न दिखे कोई किसी भी छोर
खाली सड़क पर मैं अकेला , न दिखे कोई किसी भी छोर
कुलबुलाते हुए फिर रखा ऑफिस में कदम ,
इतना काम करवाता है वो , सैलरी देता इतनी कम
इतना काम करवाता है वो , सैलरी देता इतनी कम
लंच टाइम हुआ और मैं निकला बाहर खाने ,
थोड़ी कमर सीधी करके लगा बाइक लहराने
थोड़ी कमर सीधी करके लगा बाइक लहराने
ढ़ाबे का माहौल ही कुछ अलग था
मानो पेट-पूजा वालों का मंदिर यहीं था
मानो पेट-पूजा वालों का मंदिर यहीं था
चाट -पकौड़ी डोसा कुल्फी सब कुछ किया ऑर्डर ,
बचे हुए काम की अब उड़ चुकी थी सारी फ़िक्र
बचे हुए काम की अब उड़ चुकी थी सारी फ़िक्र
गयी नज़र मेरी कोने में खड़े उस बेबस लड़के पर
धूप में सिर ढांके , पसीने में तर-बतर
धूप में सिर ढांके , पसीने में तर-बतर
ऐसे माहौल में उसकी मायूसियत मुझे खलने लगी
मेरे विचारों की रेलगाड़ी सरपट चलने लगी
मेरे विचारों की रेलगाड़ी सरपट चलने लगी
रहा न गया उसके पास पहुंचा मैं ,
सकपकाई नज़रें मोड़ ली उसने , कुछ थोड़ी बेचैनी में
सकपकाई नज़रें मोड़ ली उसने , कुछ थोड़ी बेचैनी में
पूछा उसका हाल तो वह ढंग से बता न पाया
दो बोल क्या बोले , उसका गला भर आया
दो बोल क्या बोले , उसका गला भर आया
डेढ़ साल से नौकरी की तलाश में नापी सारी सड़कें
हर पल फटकार या बंद दरवाज़ा मिले तो कोई कैसे न तड़पे
हर पल फटकार या बंद दरवाज़ा मिले तो कोई कैसे न तड़पे
समझ न आया कि उसकी गलती क्या है
हाथ में मैरिट डिग्री , फिर भी बेरोज़गारी की व्यथा है
हाथ में मैरिट डिग्री , फिर भी बेरोज़गारी की व्यथा है
खाना दिया मैंने पर उसने आदर सहित मना कर दिया
"मेरा स्वाभिमान ही आत्मविश्वास है, लेकिन पूछने के लिए शुक्रिया "
"मेरा स्वाभिमान ही आत्मविश्वास है, लेकिन पूछने के लिए शुक्रिया "
ऐसी लड़ाई कितने लड़ते हैं ये लोग हर दिन,
2 वक़्त की रोटी के लिए प्रयत्न करते भिन्न-भिन्न
2 वक़्त की रोटी के लिए प्रयत्न करते भिन्न-भिन्न
कृतज्ञ हूँ ईश्वर का कि मैं वाकई में सुखी हूँ
परिवार, प्रेम,यश और आत्मनिर्भरता का अनुभवी हूँ
परिवार, प्रेम,यश और आत्मनिर्भरता का अनुभवी हूँ
यही मनाता हूँ कि मेरा मनोबल कभी भी गिर न जाए ,
और धूप में तपते उस लड़के को एक नौकरी मिल जाए ।
और धूप में तपते उस लड़के को एक नौकरी मिल जाए ।
No comments:
Post a Comment